Lata Mangeshkar – यादें जो हमेशा साथ रहेंगे

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भारत का एक बहुत ही बड़ा अनमोल रतन लता मंगेशकर को आज पूरा भारत याद कर रहा है क्योंकि 1 साल पहले ही कोरोना के समय उनकी मौत हो गई थी,  लता मंगेशकर भारत के बहुत से लोगों के दिल में बस्ती है मगर कोरोना का आना बहुत से बड़े सितारे हमारे बीच में आज नहीं  है जिनको भारत ही नहीं दुनिया याद कर रही है आज  लता मंगेशकर जी की पुण्यतिथि है।

6th February – Lata mangeshkar death anniversary

6 फरवरी को लता मंगेशकर जी का पहला पुण्यतिथि है कोरोना काल में हमारे भारत से बहुत बड़े-बड़े कलाकार का जाना हुआ है और वह हमारे बीच में नहीं रहे हैं बहुत कीमती सितारे भारत में खोए हैं उनमें से लता जी भी एक हैं जिनकी  डेथ एनिवर्सरी 6 फरवरी को है दरअसल कोरोना के वजह से उनकी मौत हुई थी जोकि भारत के लिए यह एक  लेजंड कलाकार को खो दिया इसका शौक पूरे भारतवर्ष ने बनाया और उनकी आज पहली पुण्यतिथि है।

Lata Mangeshkar death anniversary | लता मंगेशकर जी की पुण्यतिथि

पिछले साल आज ही के दिन 6 फरवरी को लता मंगेशकर जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया था बॉलीवुड  की लेजंड कहे जाने वाली लता मंगेशकर जी की आवाज पर पूरी दुनिया दीवानी थी उन्होंने कई बड़े सुपरहिट गाने बॉलीवुड को दिए वह भी अपनी आवाज में उनकी आवाज में एक अलग ही यूनिक नेस देखने  को देखने को मिलती थी बहुत से लोग लता मंगेशकर जी जैसा बनना चाहते थे मगर उनकी अदा के दीवाने बहुत से रहे हैं।

 लता मंगेशकर जी की जगह कोई दूसरा नहीं ले सकता उन्होंने कुछ ऐसे गाने भी गाए हैं जो आज के समय में ट्रेंडिंग में चल रहे हैं इंस्टाग्राम रील्स हो या टिक टॉक कौन सी जगह उनके गाने फेमस हैं और नए वर्जन में इनके गाने चलते हैं जैसे कि एक गाना है मेरा दिल यह पुकारे आजा जो कि अभी ट्रेंडिंग में चल रहा है।

उनके ज्यादातर गाने सदाबहार हैं जो कि जिसे आम संगीतकार से उनको अलग बनाता है  भारत ने एक बहुत ही अनमोल रतन को खोया है उनकी कमी हमेशा बनी रहेगी और 6 फरवरी एक ऐसा दिन है जब उनकी पुण्यतिथि के रूप में देखा जाएगा।

लता मंगेशकर जी को विरासत में मिली संगीत की कला

लता मंगेशकर जी का जन्म 28 सितंबर 1929 में हुआ था उनका जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था उनके पिताजी का नाम दीनानाथ था वह एक मराठी अभिनेता व निर्देशक थे लता जी को संगीत की  कला विरासत में मिली थी दरअसल लता जी के पिता का देहांत भी बचपन में ही हो गया था बहुत कम लोगों को पता है कि लता जी के बचपन का नाम हेमा था मगर यह नाम सिर्फ बचपन के 5 साल तक की था उसके बाद उनके पिताजी ने उनका नाम बदलकर लता मंगेशकर रख दिया और वह एसी कलाकार थी कि उनके पिता जी ने बचपन में ही पहचान लिया था कि यह आगे चलकर एक बहुत बड़ी कलाकार बनने वाली है।

लता मंगेशकर जी को आता था सपना

दरअसल यह बात तब की है जब लता मंगेशकर जी 20 साल की थी जब उनको एक सपना आता था कि वह एक समुंदर के पास खड़ी है और वहां काले पत्थर के पास एक मंदिर का सपना आता था यह सपना इस प्रकार का होता था कि लता मंगेशकर जी विचलित हो जाते थे मगर उन्होंने यह बात अपनी मां को भी कहा कोई भी बात हो वह अपनी मां से नहीं छुपाते थी वह अपनी मां से सारी बातें बताया करती थी।

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